Monday 3 September 2012

मै नया कवि हु

मै नया कवि हूँ l
पुराने किलो पर नए मकान खोजता हूँ
शेर की मांद के आगे मचान खोजता हूँ.

मै नया कवि हूँ l
ऊपर की और बढते शहरों में शमशान खोजता हूँ
शमशानो में मानवता के छुपे पैगाम खोजता हूँ.

मै नया कवि हूँ l
तुम्हारी हर बात के पीछे ठोस प्रमाण खोजता हूँ
गरीबी के जलते घावों के नीचे लोबान खोजता हूँ.

मै नया कवि हूँ l
झूठे चेहरों के पीछे एक अदद जबान खोजता हूँ
हर आम शक्स के भीतर थोडा ईमान खोजता हूँ.